हरतालिका तीज की पूजा में फुलेरा बांधने का विधान है। आइए जानते हैं Hartalika Teej Phulera का क्या महत्व है और इसमें पांच फूलों की माला क्यों बांधी जाती है।
भारत के बहुत से क्षेत्र में Hartalika Teej मनाया जाता है यह पर्व, इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती है, भगवान शिव और माता पार्वती के युगल प्रतिमा की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए यह व्रत किया था। कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत कर सकती है।
Hartalika Teej Phulera
हरतालिका तीज त्योहार में पूजा के दौरान पूजा फुलेरा की बुहत महत्वपूर्ण जगह है। फुलेरा प्राकृतिक फूलों, पत्तियों और बांस की छड़ियों से बनाया जाता है, इसमें 5 ताजे फूलों की माला का होना जरूरी है, यह एक सजावटी झूला है है। इस त्योहार के दौरान भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती को फुलाहारा में बिठाया जाता है। जो की पूजा के दौरान स्त्रियो द्वारा झुलाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज की पूजा में शंकर भगवान के ऊपर जलाधारी की जगह फुलेरा बांधा जाता है.
Hartalika Teej Phulera का महत्व
हरतालिका तीज कठिन व्रत माना जाता है। हरतालिका तीज के पूजन में भगवान शंकर के ऊपर फुलेरा बांधा जाता है। हरतालिका तीज के पूजन में फुलेरा का विशेष महत्व है। फुलेरा जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है फूलों से बनाया जाता है। इसमें 5 ताजे फूलों की माला का होना जरूरी माना जाता है।
शंकर भगवान की पांच पुत्रियों के नाम
मान्यता है कि फुलेरे में बांधी जाने वाली 5 फूलों की मालाएं भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियों है।
- जया
- विषहरा
- शामिलबारी
- देव
- दोतली
फुलेरे में बांधी जाने वाली 5 फूलों की मालाएं भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियों का प्रतीक है।
Hartalika Teej Phulera के बारे में कुछ मुख्य विवरण इस प्रकार हैं:
Hartalika Teej Phulera महत्व
फुलेरा प्राकृतिक फूलों, पत्तियों और बांस को मिला के बनाया जाता है, और इसे हरतालिका तीज त्योहार के दौरान भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती की भक्ति के प्रतीक के रूप में बनाया जाता है। फुलेरा एक प्रकार का झूला है जिसमे हम भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती को बिठाते है हो पूजा के दौरान झुलाया जाता है।
Hartalika Teej Phulera समय लेने वाली प्रक्रिया
फुलेरा बनाना एक बुहत समय लेने वाली प्रक्रिया है, और इसे पूरा होने में कई घंटे लग सकते हैं। फुलेरा की लंबाई सब अपने हिसाब से बनते है जहा बंधा है उसके अनुसार। फुलेरा के लम्बाई अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर लगभग 5 से 7 फीट लंबा होता है। यह जटिल सजावट पहले से तैयार की जाती है और तीज समारोह के दौरान उपयोग की जाती है।
Hartalika Teej Phulera बांस का उपयोग
फुलेरा की आधार संरचना बनाने के लिए बांस की छड़ियों का उपयोग किया जाता है। इन छड़ियों को देखने में आकर्षक बनाने के लिए इन्हें अक्सर विभिन्न रंगों और सामग्रियों से सजाया जाता है। जो देखने में बुहत सुन्दर लगता है। और इसे लोग पराया अपने घर में ही बनते है, बाजार से खरीदना लोग पसंद नहीं करते।
सामग्री की विविधता
फुलेरा को सुंदर और रंगीन बनाने के लिए सजावट में विभिन्न तरह के वस्तुओ को इस्तेमाल करते है जैसे की रंगीन धागे, टेप, रेशम के धागे, रेशम (रेशम के धागे), और फूलों जैसी विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को शामिल किया जाता है।
Hartalika Teej Phulera फूलों का समावेश
फुलेरा को सजाने और आकर्सक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के फूलों और पत्तियों का उपयोग किया जाता है, जिससे सजावट में प्राकृतिक सुंदरता और सुगंध जुड़ जाती है जो की मन को मोह लेती है और साथ में भक्ति में मन को आकर्षित करती है। आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले कुछ फूलों और पत्तियों में चमेली, गेंदा, मदार, गुलाब की पंखुड़ियाँ और आम की पत्तियाँ शामिल हैं।
Hartalika Teej Phulera महत्वपूर्ण फूल और पत्तियाँ
कुछ परंपराओं में, विशिष्ट फूलों और पत्तियों को उपयोग में लिया जाता है क्योकि उनके धार्मिक महत्व होते है। इनमें बेल के पत्ते, कमल की पंखुड़ियाँ और अन्य पवित्र वनस्पति तत्व शामिल हो सकते हैं।
Hartalika Teej Phulera हस्तनिर्मित
फुलेरा एक हस्तनिर्मित सजावट है, और इसे सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन और आध्यात्मिक रूप से सार्थक बनाने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन और संयोजन करते हैं। हर कोई अपने हिसाब से फुलेरा को बनता है। जो जितना रचनात्मक होता है उतना ही सुन्दर इसको बनता है।
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निष्कर्ष
फुलेरा हरतालिका तीज त्योहार के अनुष्ठानों और सजावट का एक अभिन्न अंग है। यह भक्ति, पवित्रता और भक्तों और परमात्मा के बीच संबंध का प्रतीक है, जो इसे उत्सव का एक अनिवार्य घटक बनाता है।
हरतालिका तीज के दौरान फुलेरा कैसे बनाया जाता है?
फुलेरा पारंपरिक रूप से हरतालिका तीज के दौरान धागे, जूट या अन्य सामग्रियों का उपयोग करके एक छोटा झूला बनाकर बनाया जाता है। फिर इसे रंग-बिरंगे फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है। इस झूले पर भगवान शिव और देवी पार्वती की तस्वीरें या मूर्तियां रखी जाती हैं, और भक्त दिव्य मिलन का जश्न मनाने के लिए प्रार्थना, गीत और पूजा करते हैं।
फुलेरा बांधने का क्या महत्व है?
फुलेरा बांधना एक प्रतीकात्मक कार्य है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के चंचल और सामंजस्यपूर्ण मिलन की याद दिलाता है। यह उनके द्वारा साझा किए जाने वाले वैवाहिक आनंद और एकता का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा माना जाता है कि हरतालिका तीज के दौरान फुलेरा बांधने से खुशियां आती हैं, वैवाहिक बंधन मजबूत होते हैं और आनंदमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।