सनातन धर्म में मोक्ष का विशेष महत्व है। मोक्ष का अर्थ है जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाना और परमात्मा में विलीन हो जाना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोक्ष के भी कई प्रकार होते हैं? जी हां, शास्त्रों में 4 types of moksha में विभाजित किया गया है – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य और सायुज्य। हर प्रकार का मोक्ष आत्मा को अलग-अलग तरीके से परमात्मा के समीप ले जाता है। इस लेख में हम types of moksha को सरल भाषा में समझेंगे और जानेंगे कि मोक्ष प्राप्ति के लिए कौन-कौन से मार्ग अपनाए जा सकते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे जीवन का असली मकसद क्या है? क्या ये सिर्फ जन्म लेना, जीना और मरना है? नहीं, हमारे धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जीवन का असली उद्देश्य है मोक्ष प्राप्त करना। अब सवाल उठता है, what is moksha / मोक्ष क्या है?
मोक्ष का मतलब है जन्म और मृत्यु के इस अनंत चक्र से बाहर निकलना और ईश्वर की शरण में हमेशा के लिए पहुंच जाना। इसे निर्वाण भी कहते हैं। यह वही अवस्था है जब इंसान माया, यानि इस संसार के झूठे मोह-माया से पूरी तरह मुक्त हो जाता है।
Types Of Moksha
भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने मोक्ष के चार प्रकार बताए हैं। इन चार प्रकारों को समझने के बाद, आपको यह अहसास होगा कि हर व्यक्ति का जीवन सिर्फ धर्म, अर्थ और काम तक ही सीमित नहीं है। जीवन का असली लक्ष्य है मोक्ष। तो आइए, जानते हैं इन चार प्रकारों के बारे में।
पहला: सालोक्य मोक्ष
क्या आप जानते हैं कि सालोक्य मोक्ष में आप वहीं जा सकते हैं जहां स्वयं भगवान निवास करते हैं? हां, यही वह अवस्था है जब भक्त भगवान के लोक में पहुंचकर उनकी तरह दिव्य ऐश्वर्य का अनुभव करता है। सोचिए, कैसा होगा वह लोक जहां भगवान स्वयं रहते हैं?
दूसरा: सामीप्य मोक्ष
अब जरा इस पर विचार करें—अगर आप भगवान के इतने करीब पहुंच जाएं कि वह आपके मित्र, सहायक या मार्गदर्शक बन जाएं, तो कैसा लगेगा? सामीप्य मोक्ष में भक्त भगवान के इतना पास पहुंच जाता है कि उनकी कृपा का आनंद सीधे महसूस कर सकता है। यह मोक्ष भक्त को अनंत शांति और आनंद देता है।
तीसरा: सारूप्य मोक्ष
अब सोचिए, अगर आपकी दशा और रूप भगवान के समान हो जाए तो? सारूप्य मोक्ष में भक्त को भगवान के दिव्य रूप जैसे कुछ गुण और विशेषताएं प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके लिए आपको कठिन साधना और अष्टांग योग का पालन करना पड़ता है। क्या आप तैयार हैं ऐसी यात्रा के लिए?
चौथा: सायुज्य मोक्ष
सबसे रहस्यमय और गहरा मोक्ष है सायुज्य। इसमें आपकी आत्मा भगवान में पूरी तरह विलीन हो जाती है। आप और भगवान एक हो जाते हैं। सोचिए, जब आप अपना अस्तित्व भूलकर परमात्मा का हिस्सा बन जाएंगे, तो वह अनुभव कैसा होगा?
तो मित्रों, मोक्ष केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक ऐसी अवस्था है जो आपके जीवन को दिव्यता और शांति की ओर ले जाती है। भगवान कृष्ण ने गीता में साफ कहा है कि “जो सच्चे दिल से मेरी शरण में आता है, उसे मोक्ष जरूर प्राप्त होता है।”
अब सवाल यह है, क्या आप तैयार हैं इस अनंत यात्रा के लिए?